DesiPapa Indian Sex Stories

उसकी चूत की आग

  • desipapa
  • September 20, 2015

मेरा नाम प्रिन्स राजपूत है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ।

मैं अब एक कॉल बॉय हूँ और मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनने जा रहा हूँ।

बात जब की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। उन दिनों मैं ज़्यादा किसी से बात नहीं करता था।

मेरी कक्षा में एक लड़की थी, जिसका नाम वंदना था। वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी!!

मैं उसे बहुत प्यार करता था पर उसे बोलने से डरता था…

एक बार मैं कक्षा से घर के लिए निकला, तो उसने मुझसे कहा – क्या तुम मुझे घर तक छोड़ दोगे? मुझे आज घर जल्दी पहुचना है।

मेरी तो लॉटरी खुल गई, मैंने तुरंत उसको कहा – बिल्कुल, अगर आपको कोई परेशानी ना हो तो!!

उसने कहा – मुझे क्या परेशानी होगी?

मैंने कहा – ठीक है!!!

मैंने उसे बाईक पर बिठाया और उसके घर के लिए निकल पड़े…

रोड पर खड्डे होने के कारण वो बार बार मुझसे चिपकती जा रही थी, उसके बूब्स मेरी पीठ पर रगड़ने लगे!!

उसके बूब्स मुझसे टकराने की वजह से मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। अब मैं भी जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था, शायद वो मेरी इस हरकत को समझ चुकी थी।

किसी तरह हम उसके घर पर पहुँचे…

उसने मुझे धन्यवाद कहा और एक प्यारी सी स्माइल दी!!

मैंने भी एक स्माइल दी और वहाँ से चला गया…

फिर मैं उसे चोदने के सपने देखने लगा!!

मैं टीवी देख रहा था, तभी उसका फोन आया और वो बोली – क्या कर रहे हो?

मैंने कहा – कुछ नहीं, टीवी देख रहा हूँ!!

उसने कहा – क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी काम है!!

मैंने उससे पूछा – क्या काम है?

वो बोली – घर आओ, तब बताउंगी।

मैंने कहा – ठीक है, मैं आता हूँ।

मैंने बाईक उठाई और उसके घर गया।

मैं उसके घर पहुँचा तो देखा वो ब्रा और पेंटी में खड़ी थी!!! मैं ये सब देख कर हड़बड़ा गया और उसे देखने लगा…

तभी वो बोली – क्या देख रहे हो?

मेरा ध्यान टूटा और मैं बोला – कुछ नहीं।

अंदर भी आओगे, या बाहर ही खड़े रहोगे?

मैं अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया। उसने दरवाजा बंद किया और बोली – क्या हुआ तुम्हें? इतनी तेज पसीना क्यूँ आ रहा है?

मैंने कहा – पता नहीं?

उसने कहा – घबरा क्यूँ रहे हो? घर पर कोई नहीं है।

मैं उसका इशारा समझ गया और मैं जाकर उसके होंठ चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।

उसने कहा – मैं तुमको प्यार करती हूँ!!

मैंने भी कहा – मैं भी तुमको बहुत चाहता हूँ!!

और हम फिर से किस करने लगे। हम दोनों को पता ही नहीं चला की हमारे कपड़े कब उतार गये… …

उसने कहा – मेरी चूत तड़प रही है, प्लीज़ इसकी आग को शांत कर दो!!

मैंने कहा – ठीक है!!

मैं उसकी चूत को चूसने लगा और वो मेरा लण्ड चूसने लगी…

कुछ ही देर में वो झड़ गई पर अभी मेरा नहीं हुआ था।

मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत पर लण्ड रगड़ने लगा!!!

वो बोली – अब मुझे मत तडपाओ और अपना लण्ड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को शांत कर दो…

मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चूत मे एक जोरदार धक्का दिया, उसकी आँखों से आँसू आने लगे क्यूंकी उसकी चूत की झिल्ली फट गई थी!!

मैं उसका ध्यान बटाने के लिए उसके बूब्स को चूसने लगा… कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ!!

वो बोली – तुम अब शुरू हो जाओ, मैं सब सहन कर लूँगी…

मैंने एक धक्का और दिया और उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और कुछ देर बाद वो फिर से झड़ गई।

मैं उसे लगातार चोद रहा था। कुछ देर बाद में भी झड़ गया और उसके उपर लेट गया…

फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और अपने मैं अपने घर आ गया!!

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