हैल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने किसी और की बीवी से बदला लेने के लिए उसको चोद दिया, लेकिन वो सब काम उसकी मर्जी से हुआ, क्योंकि वो भी मुझसे यही चाहती थी कि में उसके पति के सामने उसे चोदकर उसका तड़पना, मचलना, मजबूरी उसके पति को दिखाऊँ, जिससे उसके पति को कुछ सिखने को मिले और वो सुधर जाए। दोस्तों एक दिन में अपनी पत्नी के साथ मार्केट में था, मेरी पत्नी का नाम अमृता है और वो दिखने में बहुत सुंदर है, लेकिन वो सेक्स की भूखी नहीं है, क्योंकि में उसको हर कभी चोदकर हमेशा संतुष्ट कर देता हूँ और वो मेरी चुदाई से हमेशा बहुत खुश रहती है। हमारी सेक्स लाईफ अब तक बहुत अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन उस घटना ने हमारा जीवन पूरा का पूरा बदल कर रखा दिया और अब आप सभी को थोड़ा विस्तार से वो घटना बता देता हूँ।
एक दिन अमृता मार्केट में कुछ सामान खरीद रही थी तब में थोड़ा दूर खड़ा होकर एक स्टॉल पर चाय पी रहा था, अमृता उस भीड़ भरे मार्केट से गुजर रही थी और में उस पर पूरा पूरा ध्यान रख रहा था। उसने उस समय लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था। फिर कुछ देर बाद एक आदमी आया, वो करीब 6 फीट लंबा था और वो अमृता के पीछे से जाने लगा और कुछ देर के बाद ज्यादा भीड़ होने का फ़ायदा उठाकर उसने अमृता की छाती पर हाथ रख दिया और अब अमृता के बूब्स उस आदमी के हाथ में थे और फिर धीरे से उसने मेरी बीवी के बूब्स से होते हुए अपने हाथों को कमर पर लिए, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से अमृता उसे ठीक तरह से देख ना सकी और फिर कमर और गांड को दबाकर उसने अमृता के नीचे चूत तक अपनी उंगली को डाल दिया। में दूर खड़ा खड़ा सब कुछ देख रहा था, लेकिन मजबूर था और में कुछ भी नहीं कर सका। फिर उसने जाते हुए अमृता की तरफ पीछे मुड़कर देखा तो वो उसकी तरफ हंस रहा था, लेकिन अमृता कुछ नहीं बोली और इस बात को उसने मुझसे घर पर आकर भी नहीं कहा इसलिए मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया और मैंने अमृता को घर पर आते ही बहुत बुरी तरह से चोदा। मैंने उसको इतने जबरदस्त तरीके से कभी नहीं चोदा था और आज वो भी बहुत थक गई और फिर चोदने के बाद अमृता मुझसे बोली कि क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही जोश में हो?
दोस्तों में उस समय बहुत गुस्से में था, मैंने कहा कि क्या में तुम्हारे लिए कभी कम पड़ता हूँ जो तुम उस आदमी से अपने बूब्स दबवा लेती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अमृता एकदम चकित हो गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और फिर वो बोली कि में उससे अपनी मर्जी से कभी कुछ नहीं करवाती हूँ वो खुद मुझे बहुत डराता, धमकाता है और जबरदस्ती मेरे साथ यह सब करता है। तो मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो अमृता बोली कि वो 4th कॉलोनी में रहने वाला रमेश है और मेरी तरफ ऐसे ही हमेशा घूरकर देखता है और उस दिन जब मेरी उससे पहली बार मुलाकात हुई तब वो हमारे घर पर आया था और फिर उसने मुझसे पानी माँगा तो मैंने किचन से लाकर उसे पानी दिया तब उसने अंदर आकर मुझे अचानक से पीछे से पकड़ लिया मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा, उसने मुझे किस किया और मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर वो मुझसे बोला कि देती है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं और में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो उसने जाते जाते मुझसे बोला कि मैंने अगर यह बात किसी को बताई तो में तुझे जान से मार डालूँगा। दोस्तों मैंने बिल्कुल डरी और सहमी हुई सी अमृता को थोड़ा अपने करीब लिया और उसे अपनी बाहों में लेकर गले लगा किया और उसे चूमने लगा। मैंने उससे सॉरी कहा और उसने मुझे अपने गले लगाकर ठीक है कहा और अब में समझ गया कि मुझे अब क्या करना है? तो मैंने उस आदमी के बारे में सारी जानकारियां निकाली तो मैंने देखा कि उसके दो बच्चे है, लेकिन वो यहाँ पर नहीं रहते और वो यहाँ पर उसकी पत्नी खुश्बू के साथ रहता है और उसने अब तक अपनी कॉलोनी की कई औरतों को चोदा है। तो एक रात में उसके घर पर गया और दरवाजा खटखटाया, मैंने उस समय अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और मेरे एक हाथ में क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा था और फिर मैंने जैसा सोचा था वैसे ही हुआ रमेश कुमार ही उस समय दरवाजे पर था और फिर मैंने उसको झट से मुहं पर क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा लगाकर बेहोश कर दिया और 5 मिनट के बाद अंदर से आवाज़ आई कि कहाँ गए आप क्या हुआ? दोस्तों यह उसकी बीवी की आवाज थी और फिर उसके आने के डर की वजह से मैंने रमेश कुमार को एक कुर्सी से बाँध दिया और घर का दरवाजा अंदर से लगा दिया।
फिर जब में कमरे के अंदर गया तो मैंने देखा कि खुश्बू ब्रा और पेंटी में ही सो रही थी और मैंने उसके पास में जाकर उसके मुहं पर अपना एक हाथ लगाया और फिर एकदम से उसके बदन पर गिरकर बोला कि ज्यादा ज़ोर से चिल्लाने, चिल्लाने की कोई ज़रूरी नहीं है, में यहाँ पर अपना हिसाब चुकता करने आया हूँ और फिर मैंने उसे बताया कि तुम्हारे पति ने एक बार मेरी पत्नी को ज़बरदस्ती से चोदा है और आज में उसे सबक सिखाना चाहता हूँ। फिर कुछ देर डरने के बाद खुश्बू ने मेरी पूरी बात सुनी और वो भी मुझसे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गई, क्योंकि उसे भी पता था कि उसका पति वैसा ही है जैसा मैंने उसे सब कुछ बताया और अब उसने देखा कि मैंने उसके पति को पूरा नंगा करके कुर्सी को बांध दिया है तो वो मुझसे बोली कि में उसे ऐसा दिखाउंगी कि तुम मुझसे यह सब ज़बरदस्ती कर रहे हो उसने मेरा पूरा पूरा साथ देने का वादा किया।
फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब में भी पूरा नंगा हुआ तो खुश्बू ने देखा कि मेरा लंड भी साईज में बड़ा, मोटा और अच्छा है। फिर मैंने थोड़ा पानी रमेश कुमार के मुहं पर डाला तो वो अब धीरे धीरे अपने होश में आने लगा, लेकिन मुहं पर पट्टी बंधी होने के कारण वो कुछ बोल ना सका और बस चुपचाप देखता ही रहा और अब मैंने उसकी बीवी को चाकू दिखाकर उसकी बीवी के जिस्म को मसलना शुरू किया और उसके बूब्स को दबाया और करीब 15 मिनट तक लगातार उसकी बीवी के जिस्म के हर एक अंग को अंग को चाटा और उसके बूब्स को तो चूस चूसकर लाल कर डाले और अब बारी थी खुश्बू की चूत की, लेकिन दोस्तों उसकी चूत बिल्कुल उसके नाम की तरह थी एकदम नाजुक गुलाब की तरह उससे कामुक कर देने वाली खुश्बू निकल रही थी और वो अंदर से बहुत खुली हुई थी, लेकिन देखने से पता चला कि उसकी चूत चोदने में बहुत ज़बरदस्त थी और मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर एकदम लाल कर दिया था। वो सिर्फ़ ऑश ओहहहह आईईइ छोड़ दो मुझे प्लीज आह्ह्हह्ह मेरे साथ ऐसा मत करो कर रही थी। दोस्तों यह सब काम उसकी कुर्सी के ठीक सामने ही चल रहा था, लेकिन रमेश कुमार एकदम लाचार, मजबूर वो अपनी पत्नी को मुझसे चुदता हुआ देख सकता था, लेकिन उसकी कोई भी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकता था और हम दोनों भी यही चाहते थे और अब तक सब कुछ एकदम ठीक ठाक चल रहा था। फिर मैंने एकदम से उसकी बीवी के पैरों को पकड़कर एकदम से पूरी तरह से खोल दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और फिर मैंने चूत के मुहं पर लंड को रखकर एक ही जोरदार झटके से पूरा का पूरा लंड, चूत में उतार दिया। तो उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीखने के साथ साथ बहुत बार अजीब सी आवाजे भी निकाली उह्ह अफफ्फ्फ माँ ऑश ओहहह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो उह्ह्हह्ह्ह्ह वरना में मर जाउंगी, छोड़ दो मुझे, प्लीज अब बाहर करो, इसे मेरी चूत फट जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में उसके बदन पर पड़ा रहा और मैंने उसको 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, उसके मुहं को चाटते हुए, उसके कान को काटते हुए, उसके बूब्स को दबाते मसलते हुए मैंने उसे लगातार धक्के देकर चोदा, क्योंकि दोस्तों मेरा चुदाई के समय झड़ने का समय उसके पति से बहुत ज़्यादा था। में बहुत देर तक उसकी चूत पर टिका रहा और अब उसकी चूत तो ढीली हो गयी और उसकी गरम गरम सांसे मुझे और भी जोश दे रही थी और उसके जिस्म की खुश्बू तो जैसे में उस समय जन्नत में था। दोस्तों अब उसको भी मेरे चुदाई करने से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन वो अपने पति को दिखने के लिए मेरे हर एक धक्के पर चीखती चिल्लाती रही जिससे उसे लगे कि यह सब काम जबरदस्ती हो रहा है और में उसे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया और में 5 मिनट तक उसके ऊपर ही लंड को चूत में डालकर पड़ा रहा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर खुश्बू मेरे कान में बोली कि वाह यार तुम तो बहुत अच्छा चोदते हो, लेकिन अब बस करो। तो मैंने कहा कि अभी तो एक बार और भी चुदाई होगी और फिर हम उठे और देखा तो रमेश कुमार का लंड भी उठा हुआ है और वो नज़ारा तो बहुत जबरदस्त था। मैंने फिर से मेरा लंड उसकी बीवी के मुहं पर रगड़ा उसके गुलाबी होंठो पर अपना पूरा लंड घुमा रहा था, लेकिन मैंने उसके मुहं में नहीं दिया कि कहीं वो काट ना ले और बीच में रखी हुई एक टेबल पर खुश्बू का एक पैर रख दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसके पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल रहा था। तभी खुशबू उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ ऑशओह उह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो मुझे कर रही थी और वो हर बार रमेश कुमार की आखों में देख रही थी और उसकी चूत को तो में पीछे से धक्के देकर फाड़ रहा था और बहुत देर बाद मैंने उसकी चूत में ही एक बार और अपना वीर्य डाला और फिर उसको बहुत देर तक रगड़ा। उसकी टाईट गांड में लंड डाला और अब में उसकी गांड को फाड़ रहा था, लेकिन खुश्बू बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। उसके बूब्स पर मेरे दोनों हाथ गोल गोल घूम रहे थे और रमेश अपना लंड खड़ा करके रो रहा था। तो दोस्तों मैंने इस बार झड़ने से पहले अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और रमेश कुमार के मुहं पर झड़ गया और कपड़े पहनकर खुश्बू के कान में बोला कि अब तू उसे समझा देना कि मैंने आज तुझे क्यों चोदा?
दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की एक सच्ची घटना जिसमे मैंने चुदाई के साथ अपना बदला पूरा किया और बहुत मज़े किए ।।